एक शहर के बीच में, जहाँ धूप भी थोड़ी ज्यादा थी और रात भी थोड़ी खास थी, वहाँ एक लड़की रहती थी जिसका नाम रिया था। रिया का दिल बहुत ही प्यारा था, लेकिन उसका एक दिलचस्प शौक था – वह हमेशा सबको थोड़ा कंफ्यूज कर देती थी। उसका मानना था, "दिल की बात सीधी दिल तक पहुँचती है, पर थोड़ा सा मजाक भी ज़रूरी है!"
रिया का एक दोस्त था, राहुल, जो थोड़ा सीरियस और इंट्रोवर्ट था। राहुल को हमेशा रिया की हल्की-फुल्की चंचलता और उसके मजेदार तरीके पसंद आते थे, लेकिन उसके दिल में एक अजीब सी बात थी - वह रिया को अपनी जिंदगी में चाहने लगा था, लेकिन उसे अपने जज़्बात ज़्यादा नहीं दिखाने देता था।
राहुल और रिया की मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी। शुरू-शुरू में राहुल रिया को एक मजेदार लड़की समझता था, जो हमेशा किसी न किसी वजह से मुस्कुराती रहती थी। वह उसकी हंसी के दीवाने हो गए थे, लेकिन कभी उसने सोचा नहीं था कि इस हंसी में कोई और गहराई छुपी हो सकती है। रिया के चेहरे पर एक मासूमियत थी, जो सबको आकर्षित करती थी, और शायद यही बात राहुल को सबसे ज्यादा पसंद थी।
एक दिन, जब कॉलेज की छुट्टियों में सब घर जा रहे थे, रिया ने राहुल को एक बार फिर से मिलने के लिए बुलाया। रिया का यह बुलावा राहुल के लिए एक नए सफर की शुरुआत था। वह जानता था कि उसकी जिंदगी में कुछ बदलाव होने वाला है, लेकिन वह डर भी रहा था कि क्या रिया उसे उसी तरह समझेगी, जैसे वह उसे समझता था।
राहुल ने रिया से कहा, "तुमसे मिलने का तो हमेशा मन करता है, पर आज कुछ और बात करनी है।"
रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, "क्या बात है? अब तो डरो मत, राहुल।"
राहुल थोड़ा चुप हो गया, फिर बोला, "तुम्हारी मुस्कान में कुछ खास है, रिया। जब भी तुम हंसती हो, मुझे ऐसा लगता है जैसे सब कुछ ठीक है।"
रिया ने उसकी बात सुनी और चुपचाप उसकी आँखों में देखा। "क्या तुम मुझे किसी और नजर से देख रहे हो, राहुल?" रिया ने सवाल किया, उसकी आँखों में एक सवाल था, जो राहुल की समझ से बाहर था।
राहुल ने हल्का सा मुस्कुराया और कहा, "शायद। शायद मैं तुम्हारे साथ बिताए हर पल को बहुत संजीदगी से महसूस करता हूं। तुमसे मिलने के बाद मेरे लिए कुछ और मायने नहीं रखते।"
रिया का दिल धड़कने लगा। वह पहले से ज्यादा संजीदा हो गई थी। उसने राहुल से कहा, "तुम जानते हो, मैं हमेशा लोगों से हंसी मजाक करती हूं, लेकिन सच में, मुझे भी कभी-कभी किसी के साथ अपना दिल खोलने की ज़रूरत होती है।"
राहुल ने उसकी आँखों में देखा और महसूस किया कि रिया की मुस्कान के पीछे एक गहरी हसरत छुपी थी। वह उसी पल यह समझ गया कि वह सिर्फ दोस्त नहीं, बल्कि उससे कुछ ज्यादा चाहता है। "क्या तुम सच में चाहती हो कि मैं तुम्हारे दिल की बात समझूं?" राहुल ने धीरे से पूछा।
रिया ने उसकी तरफ देखा और हल्की सी मुस्कान के साथ बोली, "तुमसे ज्यादा कौन समझ सकता है, राहुल? तुम हमेशा मेरे पास रहते हो, मेरे साथ होते हो, फिर भी मुझे कभी ये अहसास नहीं हुआ कि तुम मेरे लिए खास हो। अब मुझे ये महसूस हो रहा है।"
राहुल ने उसकी बातों को दिल से सुना और धीरे से उसकी हाथों को थाम लिया। दोनों के बीच की खामोशी को शब्दों की जरूरत नहीं थी। वे बस एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे और उनकी भावनाएं एक-दूसरे से बातें कर रही थीं। राहुल ने धीरे से कहा, "तो फिर क्यों न हम इसे एक कदम आगे बढ़ाएं, रिया?"
रिया ने उसके हाथ को मजबूती से पकड़ा और कहा, "क्या तुम सच में मुझसे प्यार करते हो, राहुल?"
राहुल ने गहरी साँस ली और कहा, "हाँ, रिया। मुझे तुमसे बहुत प्यार है, और मैं तुम्हारे साथ अपना पूरा जीवन बिताना चाहता हूँ।"
रिया की आँखों में चमक आ गई। वह राहुल की ओर बढ़ी और उसकी आँखों में देखते हुए बोली, "तुमने जो कहा, वह सच था। मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।"
दोनों के बीच का फासला अब खत्म हो चुका था। उनके दिलों में एक नया रिश्ता खिल चुका था, जो अब सिर्फ प्यार ही नहीं, बल्कि दोस्ती, समझ और विश्वास से भी भरपूर था।
उनके बीच अब कोई दूरियां नहीं थीं। जब राहुल ने रिया का हाथ पकड़ा, तो वह जानता था कि यह वह मोड़ है, जहाँ से उनकी ज़िन्दगी एक नई दिशा में मुड़ने वाली है।
और इस तरह, राहुल और रिया का रोमांस शुरू हुआ, जो दोस्ती और प्यार के बीच एक खूबसूरत सा बंधन था। उन्होंने एक-दूसरे को समझा, एक-दूसरे को अपनाया और धीरे-धीरे अपने रिश्ते को एक नए मुकाम पर पहुँचाया।
समाप्त।
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